जयपुर। राजस्थान की गवर्नर माग्रेट आल्वा ने मंगलवार को एक ऎसी वेबसाइट का उद्घाटन कर दिया जिसका इंटरनेट पर कोई अस्तित्व ही नहीं है। भारतीय पुरातत्व विभाग के जयपुर मंडल की यह वेबसाइट(डब्लूडब्लूडब्लू . एएसआई जयपुर . एनआईसी . आईएन) खबर लिखे जाने तक इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं हो सकी है। इस बारे में पुरातत्व विभाग ने तकनीकी गड़बड़ी खामी का हवाला देते हुए आगामी दो-तीन दिन में वेबसाइट शुरू करने की बात कही है।
उधर,राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से मंगलवार को जारी सूचना में इसका विधिवत उद्घाटन कर दिया गया। एक प्रमुख हिंदी दैनिक(राजस्थान पत्रिका नहीं) ने अपने बुधवार के अंक में इसे प्रमुखता से प्रकाशित भी कर दिया।
सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राज्यपाल माग्रेüट आल्वा ने मंगलवार को सायं यहां राजभवन में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जयपुर मंडल की वेबसाइट (डब्लूडब्लूडब्लू . एएसआई जयपुर . एनआईसी . आईएन) का शुभारम्भ किया।
अधिकारियों ने "पुरातत्व" को बनाया "खेल"
वेबसाइट के डोमेननेम के अस्तित्व में नहीं होने की बात पर जानकारी के लिए जब "पत्रिका डॉट कॉम" ने पुरातत्व विभाग में सम्पर्क किया तो हर कोई जवाबदेही से बचता नजर आया। हालांकि खबर प्रकाशित किए जाने के बाद विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद बसंत स्वर्णकार ने तकनीकी खामी की बात कहते हुए गलती स्वीकार की और जल्द ही वेबसाइट शुरू करने की बात कही। हालांकि जल्दबाजी में उन्होंने गलती सुधारने के बजाया पुरातत्व विभाग की साइट का मजाक बना डाला। तुरत-फुरत में उन्होंने "जयपुरबैडमिंटन डॉट इन" पर पुरातत्व विभाग का कंटेंट डाल दिया। बैडमिंटन की इस साइट पर वही खबर लिखे जाने तक वही पेज दिखाया जा रहा है जिसे राज्यपाल ने लॉन्च किया था।
स्मारकों की जानकारी होनी थी ऑनलाइन
पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद बंसत स्वर्णकार ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 150वें वर्ष के कार्यक्रमों की सीरीज में यह वेबसाइट शुरू की गई है। वेबसाइट में राजस्थान के संरक्षित स्मारकों के बारे में चित्र सहित जानकारी दी गई है। स्वर्णकार ने बताया कि वेबसाइट में संरक्षित स्मारक,उनके संरक्षण,व्यय,प्रकाशन के बारे में बताया गया है। हालांकि,फिलहाल इंटरनेट पर इसका कोई वजूद नहीं है।