जयपुर। सिटी पैलेस प्रांगण में प्रतिवर्ष की भांति बुधवार को दषहरा उत्सव राजसी परम्परा से मनाया गया। इस उत्सव में हिज़ हाईनेस महाराजा सवाई भवानी सिंह जी के पश्चात् प्रथम बार वर्तमान हिज़ हाईनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह जी द्वारा विधिवत दषहरा पूजा-अर्चना की गई।
उत्सव का प्रारम्भ मध्यान्ह पष्चात् 3ः45 पर षस्त्र पूजन से किया गया। इसमें राज परिवार के प्राचीन पारम्परिक अस्त्र-षस्त्रों व राजचिन्हों का पूजन महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने सिटी पैलेस के चन्द्रमहल प्रांगण में किया।
सायं 4ः45 पर सर्वतोभद्र प्रागंण में महाराजा ने राजसी वाहनों, अष्व, रथ, बग्गी, पालकी, हाथी आदि का विधिवत पूजन किया। इसके पष्चात् तारा दर्षन पर उन्होंने नीलकण्ड पक्षी के दर्षन किये। फिर वे दषहरा षोभा यात्रा के साथ सिटी पैलेस से विजयबाग दषहरा कोठी के लिए रवाना हो गये।
विजय बाग, दषहरा कोठी में हिज़ हाईनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह जी ने षमी पूजन किया। षमी पूजन के पष्चात् षोभा यात्रा पुनः सिटी पैलेस लौटी। यहां सिरह ड्योढ़ी दरवाजे पर हिज़ हाईनेस ने श्री ठाकुर जी सीता वल्लभ जी का अर्चन कर सिटी पैलेस में प्रवेश किया।
इस अवसर पर जयपुर रियासत के सभी ठिकानेदार, जागीरदार अपनी परम्परागत वेषभूषा में सम्मिलित हुए।
महाराजा पद्मनाभ ने कहा कि ''मैं स्वर्गीय महाराजा सवाई भवानी सिंह जी के साथ सभी पूजा अर्जना और धार्मिक अनुष्ठानों में सम्मिलित होता था। अतः मैं दषहरा पूजन से पूर्णतया वाकिफ था। इसके साथ ही इस अवसर पर मैं सभी को मेरी ओर से दशहरा की शुभकामनाएं प्रेषित करता हूॅ।
उत्सव का प्रारम्भ मध्यान्ह पष्चात् 3ः45 पर षस्त्र पूजन से किया गया। इसमें राज परिवार के प्राचीन पारम्परिक अस्त्र-षस्त्रों व राजचिन्हों का पूजन महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने सिटी पैलेस के चन्द्रमहल प्रांगण में किया।
सायं 4ः45 पर सर्वतोभद्र प्रागंण में महाराजा ने राजसी वाहनों, अष्व, रथ, बग्गी, पालकी, हाथी आदि का विधिवत पूजन किया। इसके पष्चात् तारा दर्षन पर उन्होंने नीलकण्ड पक्षी के दर्षन किये। फिर वे दषहरा षोभा यात्रा के साथ सिटी पैलेस से विजयबाग दषहरा कोठी के लिए रवाना हो गये।
विजय बाग, दषहरा कोठी में हिज़ हाईनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह जी ने षमी पूजन किया। षमी पूजन के पष्चात् षोभा यात्रा पुनः सिटी पैलेस लौटी। यहां सिरह ड्योढ़ी दरवाजे पर हिज़ हाईनेस ने श्री ठाकुर जी सीता वल्लभ जी का अर्चन कर सिटी पैलेस में प्रवेश किया।
इस अवसर पर जयपुर रियासत के सभी ठिकानेदार, जागीरदार अपनी परम्परागत वेषभूषा में सम्मिलित हुए।
महाराजा पद्मनाभ ने कहा कि ''मैं स्वर्गीय महाराजा सवाई भवानी सिंह जी के साथ सभी पूजा अर्जना और धार्मिक अनुष्ठानों में सम्मिलित होता था। अतः मैं दषहरा पूजन से पूर्णतया वाकिफ था। इसके साथ ही इस अवसर पर मैं सभी को मेरी ओर से दशहरा की शुभकामनाएं प्रेषित करता हूॅ।