हस्तियों को राजस्थान रत्न अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया। मुंख्यमंत्री
अशोक गहलोत की बजट घोषणा के बाद पहली बार दिए गए इन अवॉड्र्स को राज्यपाल
मारग्रेट आल्वा,मुख्यमंत्री गहलोत और पर्यटन मंत्री बीना काक ने प्रदान
किए।
पूर्व पीसीसी की अध्यक्ष सम्मानित
राजस्थान रत्न हासिल करने वालों में सबसे पहली शख्सियत थी राजस्थानी
साहित्य एवं संस्कृति लेखन में अहम स्थान रखने वाली 96 वर्षीय पद्मश्री
लक्ष्मी कुमारी चूंडावत। 40 से अधिक पुस्तके लिखने वाली चूंडावत 11 वर्ष
तक विधायक रही है ओर सांसद रह चुकी है। चूंडावत के अलावा अन्य विभूतियों
में राजस्थानी कथा साहित्य क्षेत्र से लेखक पद्मश्री विजयदान देथा,
शास्त्रीय संगीत क्षेत्र से म वीणा वादक पद्मश्री से अलंकृत पंडित
विश्वमोहन भट्ट, साहित्य और संस्कृति से रचनाकार पद्मश्री कन्हैयालाल
सेठिया, लोक कला संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पद्मभूषण कोमल कोठारी,गजल
गायक पद्मभूषण जगजीत सिंह और मांड राग से लोक गायन को दुनिया भर में
ख्याती दिलाने वाली अल्लाह जिलाई बाई को यह अवॉर्ड प्रदान किए गए।
...और सीट खाली रही
जवाहर कला केन्द्र में आयोजित इस बेहद वीवीआई कार्यक्रम में राजस्थान
रत्न प्राप्त करने वाले और उनके परिवारजनों के अलावा कुछ गिने-चुने
वीआईपी और मीडिया जगत के लोग ही नजर आए। राजस्थान रत्न समारोह में ऐन
वक्त पर चिकित्सा राज्य मंत्री राजकुमार शर्मा ने भी किनार कर लिया।
हालांकि, उनकी अनुपस्थिति के पीछे वजह बेहद खास रही। जयपुर की एक निचली
अदालत ने 15 साल पुराने एक मामले में 3 साल की सजा सुना दी। इसके बाद
उन्हें 1 महीने की मोहल्लत देते हुए तुरन्त जमानत भी दे दी गई। लेकिन
इतना कुछ होने के बाद चिकित्सा मंत्री ने समारोह से दूरी बनाना ही उचित
समझा और समारोह में अग्रिम पंक्ति में स्थित उनकी सीट खाली रही।