ओलावृष्टि पर 3 से 8 हजार रुपए का अनुदान

जयपुर। राजस्थान में ओलावृष्टि से पीडि़त परिवारों को सरकार 3 से 8 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को नई दिल्ली में मुख्य सचिव सी.के. मैथ्यू से चर्चा करने के बाद किसानों के लिए इस राहत पैकेज की घोषणा की है।

राहत पैकेज के तहत सभी जिला कलेक्टरों को पत्र भेज कर निर्देशित किया गया है कि वर्ष 2013 में उनके जिले में हुई ओलावृष्टि से पीडि़त किसानों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने पैकेज घोषित किया है। इसके अन्तर्गत जिन लघु, सीमांत एवं अन्य कृषकों की 50 प्रतिशत से अधिक फसल की क्षति हुई है उनको ''राज्य आपदा मोचन निधिÓÓ के मानदण्डों के अनुसार कृषि आदान-अनुदान दिया जाए, जो अधिकतम दो हैक्टेयर तक देय होगा। पैकेज में असिंचित क्षेत्र के लिए 3 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर, सिंचित क्षेत्र के लिए बिजली के कुओं व नहर से सिंचित क्षेत्र हेतु 6 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर और डीजल पम्प सैट से सिंचित क्षेत्र हेतु 8 हजार रुपए  प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाए।

पैकेज के तहत जिन लघु एवं सीमान्त कृषकों की फसल में 50 प्रतिशत से अधिक खराबा हुआ है उनके बिजली के 4 माह के बिल माफ किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

राहत पैकेज में घोषित सहायता, उन कृषकों को भी दी जा सकेगी जिनका नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं है किन्तु जिन्होंने भूमि पर ठेकेदारी/बाटेदारी से फसल की है। ऐसे किसान जिन्होंने खेती ठेके पर की है,  बोई गई भूमि के खातेदार से 5 रुपए के स्टाम्प पेपर पर सहमति प्राप्त कर तहसील स्तर पर गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इस प्रकार की समस्या के निर्णय हेतु सम्बन्धित तहसीलदार, ग्राम पटवारी तथा ग्राम सेवक की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति इस प्रकार के बिन्दुओं पर निर्णय लेकर निर्धारण करेगी कि राहत किसे दी जानी है। इसके लिए कृषक को अपने खातेदार की लिखित सहमति इस समिति को देनी होगी।

ओलावृष्टि से 50 प्रतिशत से अधिक खराबे वाले काश्तकारों को सिंचाई विभाग द्वारा लिया जाने वाला आबियाना शुल्क माफ किया जाएगा।

किसी काश्तकार को नोशनल शेयर के आधार पर, उसके स्वामित्व की भूमि का कुल रकबा यदि सीमान्त तथा लघु कृषक के लिए धारित रकबे के अनुसार हो, तो लघु/सीमान्त कृषक के अनुसार कृषि आदान अनुदान स्वीकृत किया जाएगा।

ओलावृष्टि से पीडि़त वे गांव जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक फसल का नुकसान हुआ है उन गांवों को अभाव की स्थिति होने पर अभावग्रस्त घोषित किए जाने हेतु सूखा संहिता के अनुसार विस्तृत रिपोर्ट जिला कलक्टर द्वारा पे्रषित की जाएगी।

अभावग्रस्त घोषित गांवों के पीडि़तों से भू-राजस्व वसूली स्थगित की जाएगी तथा सहकारी अल्पकालीन ऋणों की वसूली स्थगित कर उन्हेंं मध्यकालीन ऋणों में परिवर्तन किया जाएगा।

ओलावृष्टि से पीडि़तों (मृतक-परिजनों, घायल, क्षतिग्रस्त मकान एवं पशुओं की मृत्यु आदि) को राज्य आपदा मोचन निधि मानदण्ड अनुसार सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।

संबंधित जिला कलक्टर घोषित पैकेज अनुसार राशि की गणना कर, बजट की ऑनलाइन मांग शीघ्र प्रस्तुत करेंगे तथा बजट आवंटित होते ही सहायता वितरण बिना विलम्ब शुरू करेंगे।

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