सरसंघचालक मोहनराव भागवत 8 मार्च को जयपुर में

जयपुर। राजधानी जयपुर के जामड़ोली में होने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में शामिल होने के लिए संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत 8 मार्च को जयपुर पहुंचेंगे। वे 9 मार्च को समाज के गणमान्य लोगों से मुलाकात करेंगे एवं अपरान्ह 3:00 बजे सेवाभारती द्वारा निर्माणाधीन सेवा सदन के लिए गणेश पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। 10 से 19 मार्च तक जामड़ोली में चलने वाली विभिन्न बैठकों में मौजूद रहेंगे।

यह जानकारी गुरूवार को प्रांत सह संघचालक डॉ.रमेश अग्रवाल ने भारती भवन पर आयोजित संवाददात सम्मेलन में दी।

डॉ. अग्रवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विभिन्न बैठकों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 1925 में स्थापना के बाद से ही संघ का लक्ष्य हिन्दू समाज को संगठित करने का रहा है। आज संघ का व्याप् तहसील स्तर से भी नीचे तक है और विश्व में जहां जहां हिन्दू रहते है वहां किसी न किसी रूप में संघ का कार्य चलता है। संघ की शाखाओं में जो स्वयं सेवक तैयार होते है वे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दुत्व की झड़ मजबूत हो इस विचार को लेकर काम करते है।

राष्ट्रहित की दृष्टि से यह कार्य और प्रभावी कैसे बने इस पर विचार मंथन करने के लिए प्रति वर्ष अखिल भारतीय स्तर पर तीन प्रकार की बैठकों का आयोजन होता आया है।

छोटी बैठक – यह जुलाई बैठक कहलाती है और सामान्यतया पूरे देश में प्रशिक्षण वर्ग समाप्त होने के बाद में आयोजित होती है। इसमें देश भर में सम्पन्न हुए प्रशिक्षण वर्गों की समीक्षा होती है।

अपेक्षित – संघ के अखिल भारतीय स्तर के अधिकारी, क्षेत्र प्रचारक, क्षेत्र कार्यवाह, प्रांत प्रचारक, प्रांत कार्यवाह।

कार्यकारी मंडल- यह बैठक दीपवली के पहले होती है। इसमें संघ के अलावा विविध संगठनों के पदाधिकारी सम्मलित होते है। देश में ज्वलंत विषयों पर प्रस्ताव पारित किए जाते है।

अपेक्षित – संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के साथ देश में संघ की दृष्टि से बनाए गए 11 क्षेत्रों के क्षेत्र प्रचारक, क्षेत्र कार्यवाह, क्षेत्र संघचालक, प्रांत प्रचारक, प्रांत कार्यवाह, प्रांत संघचालक एवं विविध क्षेत्रों के करीब 48 संगठनों के चुनिंदा कार्यकर्ता भाग लेते है। बैठक में कुल संख्या करीब 350 होती है।

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा – यह संघ की सबसे बड़ी बैठक होती है जो प्रतिवर्ष सम्पन्न होती है। हर तीसरे साल नागपुर में आयोजित होती है। शेष देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होती है। इसमें करीब 1400 प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें उपस्थिति करीब 90 से 95 प्रतिशत रहती है। प्रतिनिधि सभा में संघ एवं विविध संघठन अपने कार्य की जानकारी देते है जिन प्रांतों में संघ एवं विविध संगठनो के विशेष कार्यक्रम हुए है उनका विस्तृत उल्लेख किया जाता है। सरकार्यवाह अपना वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते है। ज्वलंत विषयों पर गहन विचार विमर्श के बाद प्रस्ताव पारित किए जाते है।

अपेक्षित – संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के साथ देश में संघ की दृष्टि से बनाए गए 11 क्षेत्रों की क्षेत्रिय कार्यकारिणी, 41 प्रांतो की प्रांत कार्यकारिणी व चुने हुए अखिल भारतीय प्रतिनिधि तथा विविध संगठनों के चुनिंदा कार्यकर्ता भाग लेते है। साथ ही विदेशों में संघ का कार्य करने वाले कार्यकर्ता भी सम्मलित होते है।

ऐसे चलेगी बैठकें –

10 मार्च को छोटी टोली बैठक होगी इसमें देश के 8-10 प्रमुख लोग होते है और लाए जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे।

11 मार्च को अखिल भारतीय कार्यकारिणी इसमें करीब तीस लोग रहेंगे।

12 मार्च को अखिल भारतीय कार्यकारिणी के साथ क्षेत्र प्रचारक और जुड़ जाएंगे।

13 मार्च को अखिल भारतीय कार्यकारिणी, क्षेत्र प्रचारक के साथ ही प्रांत प्रचारक, प्रांत कार्यवाह और जुड़ जाएंगे।

14 मार्च को अखिल भारतीय कार्यकारिणी, क्षेत्र प्रचारक, प्रांत प्रचारक, प्रांत कार्यवाह के साथ ही प्रांत संघचालक और जुड जाएंगे।

15,16 एवं 17 मार्च को अखिल भारतीय कार्यकारिणी, क्षेत्र की कार्यकारिणी, प्रांत कार्यकारिणी और प्रतिनिधा सभा के लिए चुने गए प्रतिनिध व विभाग प्रचारकों के अलावा विविध संगठनों के अखिल भारतीय स्तर के अधिकारी शामिल होंगे।

18 एवं 19 मार्च को छोटी टोली की बैठक होगी जिसमें प्रतिनिधि सभा की समीक्षा होगी, कार्य की वर्तमान स्थिति का आकलन, जहां अच्छा कार्य हुआ वहां की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। संघ कार्य और कार्यकर्ता की संभाल आदि पर चर्चा होगी।

बैठक के प्रबंध प्रमुख एवं किसान संघ के प्रदेश महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए बताया कि एक माह से बैठक की तैयारियां चल रही है जिसमें करीब एक सौ कार्यकर्ता लगे हुए है। बैठक के दौरान चार सौ प्रबंधक तीस विभागों के माध्यम से व्यवस्थाओं को संभालेंगे। बाहर से आने वाले प्रतिनिधियों को रेल्वे स्टेशन, एयरपोर्ट व बस स्टेंड से लेकर वापसी जाने तक की सारी व्यवस्थाएं स्वयंसेवक संभालेंगे। परिसर में राजस्थानी झलक दिखे इसके खासे इंतजाम किए गए है। केशव विद्यापीठ को आवास की दृष्टि से 11 हिस्सों में बांटा गया है। बाहर से आने वाले प्रतिनिधियों को पर्यटन स्थल तक भ्रमण के लिए अलग से पर्यटन विभाग बनाया गया है जो राजस्थान के विभिन्न पर्यटन स्थलों की जानकारी आगन्तुकों उपलब्ध कराऐगा। उन्होंने बताया कि सारी व्यवस्थाओं में सादगी एवं मितव्यवता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

मीडिया सेंटर – चौधरी ने बताया कि समाचार माध्यमों को विस्तृत जानकारी देने के लिए अलग से मीडिया सेंटर बनाया गया है।

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

और नया पुराने