ड्राइवर की सूझबूझ से बची मरूधर एक्सप्रेस 

जयपुर। मरूधर एक्सप्रेस के ड्राइवर की सूझबूझ के चलते सोमवार को एक बड़ा हादसा टल गया। जयपुर जंक्शन से निकलकर करीब चार बजे ये ट्रेन मालवीयनगर के नंदपुरी अंडरपास पहुंची ही थी कि ड्राइवर को ट्रैक पर गड़बड़ महसूस हुई। आनन-फानन में उसने ट्रेन रोकी तो जो नजारा दिखा उसे देख सब सकते में आ गए। टैक 10 मीटर तक आधे से एक फुट तक झुक चुका था ...और गाड़ी की तीन बोगी उस पर से गुजर चुकी थीं।

मची अफरातफरी
ड्राइवर ने घटना की जानकारी मंडल मुख्यालय को दी। पटरी खिसकने की खबर मिलते ही रेल मंडल से लेकर जोन मुख्यालय तक अफरातफरी मच गई। वहीं पटरी खिसकने की खबर से यात्रियों में भी अफरातफरी मच गई। लोग ट्रेन से उतरकर भागने लगे। देखते-देखते पूरी ट्रेन खाली हो गई। रेलवे सूत्रों के अनुसार घटना के वक्त गाड़ी में करीब डेढ़ हजार यात्री सवार थे। 

घंटेभर बाद गई ट्रेन
मौके पर पहुंची रेलवे टीम ने ट्रैक दुरूस्त कर करीब एक घंटे बाद ट्रेन को रवाना किया। घटना के कारण शाम के वक्त दिल्ली की ओर जाने वाली पांच ट्रेनें प्रभावित हुई। सुरक्षा के लिहाज से अब इस ट्रैक पर मालवीय नगर से जगतपुरा के बीच ट्रेन की स्पीड 5 किमी प्रति घंटा कर दी गई है। 

गिट्टी खिसकने से हादसा
सूत्रों के मुताबिक पटरी के स्लीपर के नीचे गिियां खिसने से ट्रैक में झुकाव आया। पटरी का झुकाव बढ़ने से कई डिब्बे लगभग पलटने की स्थिति में आ गए। घटना हुई वहां अंडरपास होने के चलते गाडियों की स्पीड 40 किमी. प्रति घंटा से बढ़ाने की मनाही है। इसी कारण बढ़ा हादसा टल गया।

सफाई बनी कारण
रेल अभियंताओं ने बताया कि करीब तीन-चार दिन पहले ही बैलास्ट मशीन(पटरी साफ करने के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीन) से गिियों की सफाई की थी। मशीन ने छोटी गिियां ट्रैक से बाहर कर दीं। जिससे गिियां कम हो गई और स्लीपर का कसाव कम हुआ। जिसके कारण पटरी खिसक गई और उसका झुकाव बढ़ गया। जानकारों के अनुसार पटरी में 15 मिमी झुकाव होना चाहिए जो बढ़कर 25 से 30 हो गया था। अगर यह झुकाव थोड़ा भी बढ़ जाता तो बोगियां पलट सकती थीं।

घटना की वजह पता की जा रही है। जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी गई है।
वीरेन्द्र कुमार, डीआरएम, जयपुर 

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