जल संकट प्रशासनिक विफलता की देन-वसुन्धरा

ब्यावर/मसूदा/केकड़ी/अजमेर 30 मई। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रशासनिक विफलता, प्रशासनिक अक्षमता और प्रशासन की दृढ़ इच्छा शक्ति की कमी के कारण राजस्थान में पेयजल संकट के हालात उत्पन्न हुए। श्रीमती राजे सुराज संकल्प यात्रा के चैथे चरण के दूसरे भाग के शुभारंभ के अवसर पर अजमेर जिले के ब्यावर, मसूदा और केकड़ी में आयोजित विशाल जनसभाओं को सम्बोधित कर रही थी। श्रीमती राजे का इन तीनों स्थानों पर जोरदार स्वागत हुआ।
उन्होंने कहा कि केन्द्र से राजस्थान को 2011-12 में पेयजल के लिए 330 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण सिर्फ 25 करोड़ रुपयों का ही इस्तेमाल हो पाया। इसी तरह 2012-13 में 600 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार ने पेयजल के लिए भेजे। इसमें से भी महज 18 करोड़़ रुपये ही खर्च हो पाये। वर्ष 2013-14 में 1300 करोड़ रुपये पेयजल के लिए मिले, जिसके विपरीत 56 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाये। ये सब प्रशासनिक असफलता का ही नतीजा है।
श्रीमती राजे ने कहा कि नई दिल्ली में पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता पर राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों के सम्मेलन में राजस्थान के जल संसाधन मंत्री ने स्वीकार किया था कि राजस्थान के 32 हजार गांवों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है और आज वो ही जल संसाधन मंत्री अखबारों में बयान दे रहे हैं कि राजस्थान के किसी भी क्षेत्र में पीने के पानी का संकट नहीं है। प्रदेश में पीने के पानी का संकट नहीं है तो केन्द्र सरकार से पेयजल व्यवस्था के लिए 50 हजार करोड़ रुपये क्यों मांगे गये?
उन्होंने कहा कि हाल ही में जो इकोनोमिक सर्वे रिपोर्ट 2012-13 आई है उसमें बिहार जैसे राज्य की विकास दर 16.71 है, लेकिन हमारे प्रदेश की विकास दर 5.41 पर आकर टिक गई, यानि विकास दर में हमारा राजस्थान देश में सबसे नीचे और आखिर में। आज मनरेगा में भ्रष्टाचार परवान पर है। वो मनरेगा जो हमारी भाजपा सरकार के समय देश में श्रेष्ठ था। लोगों को पूरी मजदूरी मिलती थी, आज उसी मनरेगा में एक रुपये तक मजदूरी मिल रही है। क्या ये मजदूरों के साथ मजाक नहीं है। हमने हमारे समय में 10 लाख युवाओं को सरकारी और गैरसरकारी नौकरियां दी, अब जब इस सरकार के 6 महीने का कार्यकाल रह गया तो ये भी भर्तियां खोलने लगे। बेरोजगारों को नौकरियां ही देनी थी तो साढे चार साल तक क्यों नहीं दी? ओला वृष्टि हुई तो बडे़-बडे़ पैकेज का एलान कर दिया, लेकिन किसानों को मुआवजे के नाम पर कुछ भी नहीं। किसानों को डेढ़ लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज देने की भी सरकार ने घोषणा की, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं।
श्रीमती राजे ने कहा कि जो सरकार अपने प्रदेश की जनता को मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करा सके। जिस सरकार में घर की महिलाओं की इज्जत सुरक्षित नहीं रह सके और जहां बेजुबां मूक बधिर बालिकाओं तक को जुल्मों को शिकार होना पडे़, उस सरकार को कुर्सी पर बैठने का कोई हक नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ये सरकार कोई भी हथकण्डा अपनाने में पीछे नहीं रहती। निर्दोष गुलाब कटारिया जी के पीछे पड़ गई। अब हम लोगों के पीछे पडे़ंगे। सीबीआई को हमारे पीछे लगायेंगे, लेकिन हमेशा जीत सच्चाई की होती है। इसलिये हमें इसकी चिंता नहीं है। हमें तो चिंता है नया राजस्थान बनाने की, जिसमें किसान के लिये बिजली, पानी, सिंचाई और खाद बीज हो, युवाओं के लिए रोजगार हो, उद्यमियों के लिए अच्छा माहौल हो, महिलाओं का सम्मान हो।
श्रीमती राजे के साथ इन सभाओं में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कैलाश मेघवाल, पूर्व मंत्री सांवरलाल जाट, विधायक शंकर सिंह रावत, विधायक हरीसिंह रावत, विधायक भवानीसिंह राजावत, पूर्व विधायक देवी शंकर भूतड़ा, विधायक जसवंत यादव, विधायक अशोक डोगरा, पूर्व सांसद पुष्प्प जैन, पूर्व विधायक शंभुदयाल बडगुर्जर, युवा नेता शत्रुधन गौतम, पूर्व प्रधान भूपेन्द्र सिंह शक्तावत, रिंकु कंवर, विधायक बाबूसिंह राठौड़, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र गोयल, भाजपा के जिलाध्यक्ष नवीन शर्मा सहित कई नेता मौजूद थे।  

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