सिन्धु दर्षन यात्रा राश्ट्रीय गौरव का प्रतीक 23-24-25 जून लेह (लददाख)

सिन्धु दर्षन यात्रा समिति द्वारा सिन्धु दर्षन यात्रा के तीन प्रकार के मार्ग निर्धारित किए गए है:-

1.  सड़क मार्ग द्वारा जम्मू-लेह-जम्मू:- लेह पहुँचने के लिए पहला रूट सड़क मार्ग जम्मू-श्रीनगर-लेह (724 किमी) कष्मीर घाटी से होकर आता है। सिन्धु दर्षन यात्रा जम्मू से षुरू होगी जो कि श्रीनगर से 290 कि.मी. दूर है। इस मार्ग में आप पत्नीटाप, सोनमर्ग, कारगिल-द्रास के विजय स्थल व मार्ग में विभिन्न गोम्पाओं के दर्षन कर सकते हैं साथ ही आप श्रीनगर की डल झील व विष्व प्रसिद्व गार्डनों व मंदिरों के दर्षन का आनंद ले सकते हैं। इस मार्ग में एक दिन जम्मू में विदार्इ समारोह होगा बाकी तीन दिन लेह तक पहुँचने में लगेंगे।

2.  सड़क मार्ग द्वारा

दिल्ली-कुल्लुमनाली-लेह-कुल्लुमनाली-दिल्ली

लेह पहुँचने के लिए महत्वपूर्ण सड़क मार्ग 473 कि.मी. लम्बा मनाली-लेह मार्ग है। यह वहीं मार्ग है जिसके द्वारा भारतीय सेना कारगिल युद्व में सैनिकों को रसद पहुँचाती रही। इस मार्ग में आप कुल्लुमनाली, रोहतांगपास, केलांग, दारचा, सरचू के साथ विष्व की ऊँची सड़कों बारालाचा पास, तांगलगां पास को देख पाएगें साथ ही चिनाब नदी के उदगम स्थल सूर्यताल के साक्षात दष्रन भी कर पाएगें। इस मार्ग में यात्रियों की सुविधा के लिए समिति ने दिल्ली से ही यात्रा प्रारम्भ करवार्इ है। जिसके कारण यात्रा का मार्ग (दिल्ली से मनाली 610 कि.मी.) 1083 कि.मी. हो जाता है। इस मार्ग द्वारा लेह तक तीन दिन लगते है जिसमें एक दिन मनाली में विदार्इ समारोह का है।

3.  हवार्इ मार्ग दिल्ली-लेह-दिल्ली

लेह तक हवार्इ मार्ग द्वारा केवल 90 मिनट में पहुँचा जा सकता है। दिल्ली से लेह के लिए प्रतिदिन 2 से 3 फलाइट उपलब्ध है। इस मार्ग में जाने के लिए यात्रियों को दिल्ली पहुँचना होगा जहां यात्रा के एक दिन पूर्व विदार्इ समारोह होगा। यात्रा के दिन यानि 23 जून की सुबह की फलाइट से वे लेह पहुँच सकते हैं। इस मार्ग द्वारा यात्री लेह में तीन दिन रहेगें।

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

और नया पुराने