जयपुर। मानसरोवर से रेलवे स्टेशन के बीच करीब 6.8 किमी. के दूरी में अगस्त से मेट्रो ट्रेन शुरू तो हो जाएगी, लेकिन अधूरी तैयारियों के कारण यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए आधा घंटे स्टेशन पर इंतजार करना होगा। परियोजना की डीपीआर में दावा किया गया था कि मेट्रो स्टेशन पर हर 4 से 6 मिनट में ट्रेन उपलब्ध होगी।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के सूत्रों के मुताबिक जब तक मानसरोवर से चांदपोल तक मेट्रो कॉरिडोर का काम पूरा नहीं हो जाता, ट्रेन को फुल ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम पर नहीं चलाया जा सकता। कॉरिडोर का काम पूरा होने के बाद ही सिग्नलिंग एवं टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम का भी काम पूरा होगा। इसके बाद ही ट्रेन फुल ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम पर चलाई जा सकेगी।
अगस्त में मानसरोवर से रेलवे स्टेशन तक मेट्रो चलाने का लक्ष्य है। उसके दो माह बाद चादंपोल तक जाएगी। इसके बाद ही ट्रेन फुल ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम पर चलेगी।
अतुल गाडगिल, मुख्य परियोजना प्रबंधक, डीएमआरसी
रफ्तार 45 किमी प्रति घंटा
सुरक्षा के लिहाज से शुरूआती दो माह मेट्रो ट्रेन को सेफ्टी मोड पर मैन्युअली सिग्नल ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलाया जाएगा। ट्रेन की गति अधिकतम 45 किमी प्रति घंटा रखी जाएगी, इससे मानसरोवर से रेलवे स्टेशन की दूरी तय करने में 20 से 22 मिनट लगेंगें। ऎसे में यात्रियों को स्टेशन पर मेट्रो पकड़ने के लिए आधा घंटा तक इंतजार करना पड़ेगा। ऑटोमैटिक सिस्टम पूरा होने के बाद मेट्रो 80 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी।
पहले चलेंगी दो ट्रेन
बेंगलूरू स्थित बीईएमएल से 10 मेट्रो ट्रेन (40 कोच) जयपुर आनी हैं। नए कोच होने के कारण इनका पहले डिपो में और उसके बाद ऎलिवेटेड कॉरिडोर पर ट्रायल होगा। इसमें दो से तीन माह का समय लगने का अनुमान है। ऎसे में अगस्त में दिल्ली से डीएमआरसी की दो ट्रेन मंगाकर अगस्त में संचालन शुरू किया जाएगा।