जयपुर। राजधानी में वोट बैंक के लिहाज से महत्वपूर्ण बनी गरीबों को मकान मुहैया कराने वाली संजय नगर भट्टा बस्ती पुनर्वास परियोजना पर गुरूवार को भाजपा और कांग्रेस "जुबानी जंग" में उलझ बैठे।
चुनाव से पहले इस तबके को रिझाने के लिए दोनों दलों ने योजना का श्रेय अपने पाले में डालने के लिए भरपूर प्रयास किए और बयानबाजी के जरिए इसे साबित भी करने में लगे रहे।
इस जुबानी जंग के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को इस योजना का शिलान्यास कर दिया। इससे पहले, भाजपा ने आरोप लगाया कि उसकी सरकार के वक्त ही इस योजना के ढाई हजार मकान स्वीकृत कर दिए गए थे। लेकिन कांग्रेस ने आकर इसे रद्द कर दिया।
इधर, शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने यहां तक कह दिया कि भाजपा यदि परियोजना के तहत आवास निर्माण का कार्यादेश दिखा दे, तो वह समारोह के लिए जनता से माफी मांग लेंगे।
सिंघवी बोले, 10 करोड़ का दिया टेंडर
भाजपा नेता और पूर्व नगरीय विकास मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा है कि वर्ष 2008 में भाजपा सरकार ने इस योजना के तहत 2500 मकान बनाने के लिए 10 करोड़ रूपए का टेंडर भी जारी कर दिया था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही इसे रद्द कर दिया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उनकी सरकार के वक्त 55 गज के मकान स्वीकृत किए गए थे। लेकिन कांग्रेस ने इसे घटा कर 35 गज कर दिया।
धारीवाल ने कहा, वो राशि नाले, सड़क की
इस बयान पर पलटवार करते हुए धारीवाल ने कहा कि भाजपा के समय जारी नौ करोड़ रूपए की राशि तो सिर्फ सड़क व नाले बनाने के लिए स्वीकृत हुई थी। भाजपा ने योजना में एक भी मकान स्वीकृत नहीं किया था। कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर इस भूमि को वन अभ्यारण्य क्षेत्र से बाहर करवाया और योजना स्वीकृत की।
भाजपा यदि परियोजना के तहत आवास निर्माण का कार्यादेश दिखा दे तो वह समारोह के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांग लेंगे।
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