आज से करीब 25 साल पहले एक शख्स ने सचिन तेंदुलकर की प्रतिभा को दरकिनार करते हुए ऐसा फैसला लिया था कि उसे याद कर वो आज भी खुद को शर्मिदा महसूस करता है...
हम बात कर रहे हैं कि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेनिस लिली की। घटना उस वक्त की है जब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर तेज गेंदबाज बनना चाहते थे और इसी लक्ष्य को पाने के लिए सचिन एमआरएफ पेस फाउंडेशन तक गए लेकिन वहां जो हुआ वह बेशक सचिन ने भुला दिया हो लेकिन कभी नहीं भुला सकेंगे।
दरअसल, पेसर बनने का सपना लेकर 1987 में सचिन एमआरएफ पेस फाउंडेशन पहुंचे थे, लेकिन उनका सपना फाउंडेशन के कोचिंग निदेशक रहे लिली ने यह कह कर तोड़ दिया कि सचिन को गेंदबाजी की बजाए बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहिए।
पिछले दिनों सचिन से अपनी इस पहली मुलाकात को याद करते हुए लिली ने कहा था, "मुझे सच में शर्मिदगी महसूस होती है कि मैंने सचिन को तेज गेंदबाज के रूप में नकारा था। मैं वह किस्सा कभी नहीं भूल पाऊंगा।"
लिली ने बताया, "इस घटना के करीब एक साल बाद जब सचिन महज 15 साल के थे, मैं नेट्स के पीछे था, सचिन ने पहली गेंद का सामना किया और चौका लगाया, फिर सचिन ने दूसरी गेंद पर भी चौका लगाया। गेंदबाज सचिन को पढऩे में नाकाम हो रहे थे और सचिन गेंद को बाउंडरी पार पहुंचा रहे थे। वे 12 गेंदों पर 48 रन बना चुके थे, मैंने उस वक्त कोच रहे टीए सेकर से पूछा कि यह लड़का कौन है और सेकर ने हंसते हुए जवाब दिया कि तुम्हें तो पता होना चाहिए कि यह कौन है। यह वही लड़का है जो तेज गेंदबाज बनने आया था और आपने इसे रिजेक्ट कर दिया था।"
यही नहीं जहां टीम में कपिल देव, श्रीकांत और अजहरूद्दीन जैसे अच्छी हाइट वाले खिलाड़ी थे, वहीं सचिन के 5 फिट 5 इंच कद पर पहले सबको शक था, लेकिन जब उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर अपने जलवे दिखाने शुरू किया तो उन्हें लिटिल मास्टर और मास्टर ब्लास्टर जैसे नाम भी मिल गए।
मास्टर ब्लास्टर ने जीवनसाथी भी अपने से छह साल बड़ी चुनी। अंजली पेशे से पीडियाट्रीशियन हैं और दोनों ने 24 मई 1995 को लव मैरिज की। सचिन उस वक्त 22 साल के थे।
हम बात कर रहे हैं कि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेनिस लिली की। घटना उस वक्त की है जब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर तेज गेंदबाज बनना चाहते थे और इसी लक्ष्य को पाने के लिए सचिन एमआरएफ पेस फाउंडेशन तक गए लेकिन वहां जो हुआ वह बेशक सचिन ने भुला दिया हो लेकिन कभी नहीं भुला सकेंगे।
दरअसल, पेसर बनने का सपना लेकर 1987 में सचिन एमआरएफ पेस फाउंडेशन पहुंचे थे, लेकिन उनका सपना फाउंडेशन के कोचिंग निदेशक रहे लिली ने यह कह कर तोड़ दिया कि सचिन को गेंदबाजी की बजाए बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहिए।
पिछले दिनों सचिन से अपनी इस पहली मुलाकात को याद करते हुए लिली ने कहा था, "मुझे सच में शर्मिदगी महसूस होती है कि मैंने सचिन को तेज गेंदबाज के रूप में नकारा था। मैं वह किस्सा कभी नहीं भूल पाऊंगा।"
लिली ने बताया, "इस घटना के करीब एक साल बाद जब सचिन महज 15 साल के थे, मैं नेट्स के पीछे था, सचिन ने पहली गेंद का सामना किया और चौका लगाया, फिर सचिन ने दूसरी गेंद पर भी चौका लगाया। गेंदबाज सचिन को पढऩे में नाकाम हो रहे थे और सचिन गेंद को बाउंडरी पार पहुंचा रहे थे। वे 12 गेंदों पर 48 रन बना चुके थे, मैंने उस वक्त कोच रहे टीए सेकर से पूछा कि यह लड़का कौन है और सेकर ने हंसते हुए जवाब दिया कि तुम्हें तो पता होना चाहिए कि यह कौन है। यह वही लड़का है जो तेज गेंदबाज बनने आया था और आपने इसे रिजेक्ट कर दिया था।"
यही नहीं जहां टीम में कपिल देव, श्रीकांत और अजहरूद्दीन जैसे अच्छी हाइट वाले खिलाड़ी थे, वहीं सचिन के 5 फिट 5 इंच कद पर पहले सबको शक था, लेकिन जब उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर अपने जलवे दिखाने शुरू किया तो उन्हें लिटिल मास्टर और मास्टर ब्लास्टर जैसे नाम भी मिल गए।
मास्टर ब्लास्टर ने जीवनसाथी भी अपने से छह साल बड़ी चुनी। अंजली पेशे से पीडियाट्रीशियन हैं और दोनों ने 24 मई 1995 को लव मैरिज की। सचिन उस वक्त 22 साल के थे।