मुंबई। क्रिकेट का भगवान, मास्टर ब्लास्टर और हमारा सचिन, इन्हीं
नामों से 24 सालों से दुनिया के करोड़ों प्रशंसकों के दिलों पर राज करने
वाले सचिन तेंदुलकर आखिरी बार जब मुंबई के वानखेड़े मैदान पर खेलने उतरेंगे
तो पूरा देश उनकी इस विदाई में उनके साथ खड़ा होगा।
मास्टर ब्लास्टर गुरूवार से वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले जाने वाले सीरीज के दूसरे और अंतिम टेस्ट के बाद 24 साल के अपने सुनहरे क्रिकेट करियर पर विराम लगा देंगे। क्रिकेट के इस दिग्गज की विदाई से पहले जहां पूरा देश उनके साथ खड़ा है वहीं दुनियाभर में फैले उनके करोड़ों प्रशंसक अपने भगवान की विदाई को लेकर भावुक हैं।
सचिन भी कह चुके हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि देश उन्हें इस तरह से विदाई देगा। प्रशंसकों और चाहने वालों से मिल रहे इस प्यार से भावुक सचिन भी वानखेड़े में अपने आखिरी मुकाबले में किसी को निराश नहीं करना चाहेंगे और उम्मीद है कि एक यादगार पारी के साथ विदाई के लिए वह अपनी ओर से पूरा संघर्ष करेंगे।
भारतीय टीम सचिन को कोलकाता के ईडन गार्डन में खेले गए पहले टेस्ट में पारी और 51 रन से शानदार जीत दर्ज कर उनके 199वें टेस्ट को यादगार बना चुकी है और दूसरे और सचिन के 200वें टेस्ट में भी उसकी कोशिश मास्टर ब्लास्टर को विजयी विदाई देने की होगी।
खेल की परिभाषा बन चुके सचिन न सिर्फ शब्दों में बल्कि कर्मो से भी चैंपियन हैं और उनक ा यह विदाई टेस्ट इस मायने में भी खास है कि मात्र एक खिलाड़ी होने के बाद भी उनकी इतनी गरिमा है कि जिसने पूरे देश को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया है। जब बात खेल की होती है तो बेशक बात सचिन तेंदुलकर की होती है और अकेले सचिन ही हैं जिन्हें लेकर देश की कभी दोराय नहीं होती।
मास्टर ब्लास्टर को मैदान से विदाई लेते देखने के लिए जहां उनके प्र्रशंसकों में मारामारी मची हुई है वहीं बालीवुड की हस्तियां, कारपोरेट जगत और ब्रायन लारा से लेकर शोएब अख्तर तक कई महान क्रिकेटर तथा कभी मैदान पर उनके विपक्षी और आलोचक रहे दिग्गज भी उनका 200वां टेस्ट देखने के लिए कतार में खड़े हैं।
पहली बार सचिन की मां रजनी भी मैदान पर अपने बेटे को खेलते देखने के लिए उत्साहित हैं। हालांकि दुख की बात यह है कि वह आखिरी बार अपने बेटे को देश के लिए बल्ला उठाते देखेंगी। वर्षो से देश की उम्मीदों का भार अपने कंधों पर उठाए सचिन ने 199 टेस्टों में 15847 रन बनाए हैं और उनसे अपने आखिरी टेस्ट में भी सभी शतक लगाने की उम्मीद कर रहे हैं।
यदि सचिन इस मैच में 153 रन बना लेते हैं तो वह 200 टेस्टों में 16000 रनों के आंकड़े को पार कर लेंगे। हालांकि दुनिया के दिग्गज खिलाड़ी सचिन अब रिकार्डो और रनों से भी काफी ऊपर उठ चुके हैं और उनके चाहने वालों के लिए सचिन के रन नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ सचिन ही अहमियत रखते हैं।
40 वर्ष की उम्र में भी सचिन जिस ताजगी और आत्मविश्वास के साथ खेल रहे हैं वही अपने आप में उनकी काबिलियित बयान करती है। हाल ही में पूर्व आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट ने कहा था कि सचिन के रन नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट में उनकी मौजूदगी ही फर्क पैदा कर देती है। भले ही सचिन ईडन में अपने 199वें टेस्ट में मात्र 10 रन बना सके हों लेकिन मैदान पर उनकी मौजूदगी भर देशवासियों के लिए अहम थी और वानखेडे में भी सचिन की मौजूदगी ही फर्क पैदा करने और टीम के खिलाडियों को जीत का जज्बा देने में मदद करेगी।
मास्टर ब्लास्टर गुरूवार से वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले जाने वाले सीरीज के दूसरे और अंतिम टेस्ट के बाद 24 साल के अपने सुनहरे क्रिकेट करियर पर विराम लगा देंगे। क्रिकेट के इस दिग्गज की विदाई से पहले जहां पूरा देश उनके साथ खड़ा है वहीं दुनियाभर में फैले उनके करोड़ों प्रशंसक अपने भगवान की विदाई को लेकर भावुक हैं।
सचिन भी कह चुके हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि देश उन्हें इस तरह से विदाई देगा। प्रशंसकों और चाहने वालों से मिल रहे इस प्यार से भावुक सचिन भी वानखेड़े में अपने आखिरी मुकाबले में किसी को निराश नहीं करना चाहेंगे और उम्मीद है कि एक यादगार पारी के साथ विदाई के लिए वह अपनी ओर से पूरा संघर्ष करेंगे।
भारतीय टीम सचिन को कोलकाता के ईडन गार्डन में खेले गए पहले टेस्ट में पारी और 51 रन से शानदार जीत दर्ज कर उनके 199वें टेस्ट को यादगार बना चुकी है और दूसरे और सचिन के 200वें टेस्ट में भी उसकी कोशिश मास्टर ब्लास्टर को विजयी विदाई देने की होगी।
खेल की परिभाषा बन चुके सचिन न सिर्फ शब्दों में बल्कि कर्मो से भी चैंपियन हैं और उनक ा यह विदाई टेस्ट इस मायने में भी खास है कि मात्र एक खिलाड़ी होने के बाद भी उनकी इतनी गरिमा है कि जिसने पूरे देश को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया है। जब बात खेल की होती है तो बेशक बात सचिन तेंदुलकर की होती है और अकेले सचिन ही हैं जिन्हें लेकर देश की कभी दोराय नहीं होती।
मास्टर ब्लास्टर को मैदान से विदाई लेते देखने के लिए जहां उनके प्र्रशंसकों में मारामारी मची हुई है वहीं बालीवुड की हस्तियां, कारपोरेट जगत और ब्रायन लारा से लेकर शोएब अख्तर तक कई महान क्रिकेटर तथा कभी मैदान पर उनके विपक्षी और आलोचक रहे दिग्गज भी उनका 200वां टेस्ट देखने के लिए कतार में खड़े हैं।
पहली बार सचिन की मां रजनी भी मैदान पर अपने बेटे को खेलते देखने के लिए उत्साहित हैं। हालांकि दुख की बात यह है कि वह आखिरी बार अपने बेटे को देश के लिए बल्ला उठाते देखेंगी। वर्षो से देश की उम्मीदों का भार अपने कंधों पर उठाए सचिन ने 199 टेस्टों में 15847 रन बनाए हैं और उनसे अपने आखिरी टेस्ट में भी सभी शतक लगाने की उम्मीद कर रहे हैं।
यदि सचिन इस मैच में 153 रन बना लेते हैं तो वह 200 टेस्टों में 16000 रनों के आंकड़े को पार कर लेंगे। हालांकि दुनिया के दिग्गज खिलाड़ी सचिन अब रिकार्डो और रनों से भी काफी ऊपर उठ चुके हैं और उनके चाहने वालों के लिए सचिन के रन नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ सचिन ही अहमियत रखते हैं।
40 वर्ष की उम्र में भी सचिन जिस ताजगी और आत्मविश्वास के साथ खेल रहे हैं वही अपने आप में उनकी काबिलियित बयान करती है। हाल ही में पूर्व आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट ने कहा था कि सचिन के रन नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट में उनकी मौजूदगी ही फर्क पैदा कर देती है। भले ही सचिन ईडन में अपने 199वें टेस्ट में मात्र 10 रन बना सके हों लेकिन मैदान पर उनकी मौजूदगी भर देशवासियों के लिए अहम थी और वानखेडे में भी सचिन की मौजूदगी ही फर्क पैदा करने और टीम के खिलाडियों को जीत का जज्बा देने में मदद करेगी।