दिल्ली में दोबारा चुनाव की तैयारी में भाजपा!


नई दिल्ली। दिल्ली में त्रिशंकु विधानसभा की परिस्थितियां अब करवट बदल दोबारा चुनाव की ओर बढ़ रही हैं। सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी ने इस दिशा में संकेत भी दे दिया है और अब जल्द ही उप-राज्यपाल इस विषय में बड़ा निर्णय ले सकते हैं। 

जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पाटी ने अपने विधायकों और कार्यकतार्अा को दोबारा चुनाव के लिए तैयार रहने को कह दिया है। दिल्ली के विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने दोबारा चुनाव के लिए अपनी सहमती दे दी है। भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राजीव प्रताप रूडी के अनुसार हालात ऎसे बन रहे हैं कि दिल्ली में दोबारा चुनाव हों और ऎसी स्थिति में पार्टी फिर से चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है। 

उल्लेखनीय है कि दोबारा चुनाव की अटकलों के बीच गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलों को हाल फिलहाल खारिज कर दिया है। 

नजरे उप-राज्यपाल पर टिकी

दिल्ली में नई सरकार के गठन के लिए उप-राज्यपाल संभावनाएं तलाश रहे हैं और इस वक्त सबकी निगाहें उन्हीं पर टिकी हैं। उप-राज्यपाल अब पहले सबसे बड़े दल यानी भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे और भाजपा के इनकार करने की स्थिति में "आप"(दूसरे बड़े दल) को मौका दिया जाएगा। दोनों ही सरकार बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखाएंगे तो उप-राज्यपाल दोनों दलों के मुख्य नेताओं(हर्षवर्घन और केजरीवाल) से मिलकर सरकार बनाने की कोशिश करेंगे। 

उप-राज्यपाल रिपोर्ट पर होगा फैसला

शिंदे के अनुसार उप-राज्यपाल की इन तमाम कोशिशों के बाद भी दिल्ली में सरकार बनने में दिक्कतें आई तो फिर वे कोई अपने निर्णय वाली रिपोर्ट गृहमंत्रालय को भेजेंगे। इस रिपोर्ट में वे केंद्र को विधानसभा निलंबित करके राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं।

आप के प्रशांत भूषण बयान से पलटे
भाजपा को समर्थन देने पर सियासत गरमाती देख अब प्रशांत भूषण ने भी सुर बदल लिए हैं। एक टीवी चैनल पर बीजेपी को समर्थन देने की बात कहने वाले आप नेता प्रशांत भूषण अब अपने ही बयान से पलट गए हैं। प्रशांत ने कहा है कि आप और बीजेपी दोनों की विचारधारा अलग-अलग है और ऎसे में उनके साथ सरकार बनाना संभव नहीं है। वे न किसी को समर्थन देंगे और न ही लेंगे।

भाजपा ने भी किया किनारा

आप के बाद भाजपा ने भी प्रशांत भूषण के सशत्तü समर्थन वाले बयान से किनार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार इन शत्तोü पर यदि आप भाजपा को समर्थन देती भी है तो पार्टी इसे नहीं लेगी। 

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