ये हैं जयपुर के स्पेशनल डांसिंग स्टार

पिछले 15 दिनों से उमंग संस्थान में हलचल के साथ उत्साह के माहौल है। इन दिनों यहां के विषेश बच्चे डांस के नए स्टेप सीख रहे हैं और अपनी तमाम सीमाओं के बावजूद संगीत के साथ कदमताल मिलाने के लिए उत्सुक नजर आ रहे हैं। बच्चे ही नहीं, इन्हें डांस का प्रशिक्षण दे रहे श्यामक डावर इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिग आट्र्स मुम्बई के प्रशिक्षक भी यहां उतने ही उत्साहित देखे जा सकते हैं।

इस इंस्टीट्यूट के सिंगधा और रूबेल, दोनों की ओर से उमंग में विषेष बच्चों के लिए डांस वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। ये दोनों प्रशिक्षक विकलांग बच्चों को डांस सिखाने में विषेषज्ञता रखते हैं। यह वर्कशॉप न सिर्फ उमंग के इन बच्चों का आत्मविष्वास बढ़ाने में सहायक साबित होगी, बल्कि इन बच्चों के शरीर के बेहतर समन्वय और संगीत की धुनों पर नृत्य कराने में भी सहायक सिद्ध होगी।

यह वर्कषॉप इन बच्चों के लिए एक थैरेपी की तरह है, जिसमें ये सçRय रूप से शामिल होकर समूह रूप में प्रदर्षन करना सीख रहे हैं। यहां शारीरिक व अन्य प्रकार की विकलांगता के षिकार 40 से अधिक विषेष बच्चों को एडवांस्ड और शुरूआती समूहों में डांस के नवीन स्टेप सिखाए जा रहे हैं। एस.डी.आई.पी.ए. की धर्मार्थ संस्था, विक्ट्री आट्र्स फाउंडेशन, मुम्बई के द्वारा इन विषेष बच्चों के लिए यह वर्कशॉप नि:शुल्क आयोजित की जा रही है।

प्रषिक्षण वाले ये दिन इन बच्चों के लिए इस वर्कशॉप में शामिल हो पाने की सक्षमता को इनकी उर्जा व उत्साह के जरिए साफ बयां कर रहे हैं। ये सभी बच्चे स्वयं को इस वर्कशॉप के ग्रांड फिनाले में प्रस्तुतियां देने के लिए अपने साथियों के साथ तैयार कर रहे हैं, जो कि 23 दिसम्बर को बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि उमंग के लिए यह वर्कशॉप स्टेप बाय स्टेप स्कूल और श्यामक डावर के विक्ट्री आट्र्स फाउंडेंशन का एक संयुक्त प्रयास है। 

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