"दिल्ली में अभी राष्ट्रपति शासन नहीं"


नई दिल्ली। दिल्ली में त्रिशंकु विधानसभा के हालात में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने और दोबारा चुनाव की अटकलों के बीच गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का बयान लोगों को राहत देने वाला है। शिंदे ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलों को हाल फिलहाल खारिज कर दिया है। 

शिंदे के अनुसार दिल्ली में नई सरकार के गठन के लिए उप-राज्यपाल संभावनाएं तलाश रहे हैं और इसमें केन्द्र की कोई भूमिका नहीं है। उप-राज्यपाल पहले सबसे बड़े दल यानि भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे और भाजपा के इनकार करने की स्थिति में "आप"(दूसरे बड़े दल) को मौका दिया जाएगा। दोनों ही सरकार बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखाएंगे तो उप-राज्यपाल दोनों दलों के मुख्य नेताओं(हर्षवर्घन और केजरीवाल) से मिलकर सरकार बनाने की कोशिश करेंगे। 

उप-राज्यपाल रिपोर्ट पर होगा फैसला
शिंदे के अनुसार उप-राज्यपाल की इन तमाम कोशिशों के बाद भी दिल्ली में सरकार बनने में दिक्कतें आई तो फिर वे कोई अपने निर्णय वाली रिपोर्ट गृहमंत्रालय को भेजेंगे।
इस रिपोर्ट में वे केंद्र को विधानसभा निलंबित करके राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं।

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