जोधपुर में सिर्फ गहलोत की रखी लाज
जयपुर/जोधपुर। राजस्थान में मारवाड़ अंचल की जनता ने इस बार विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तो लाज रखी लेकिन उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को हार का मुंह दिखाकर सबक सिखाया है। गहलोत जोधपुर के निवासी होते हुए राजनीतिक इतिहास में कांग्रेस की इतनी बुरी हार इससे पहले कभी नहीं हुई।
मारवाड़ में जोधपुर, पाली, सिरोही, जालौर, बाडमेर, जैसलमेर एवं नागौर सहित सात जिले आते हैं और इन जिलों में कुल 43 विधानसभा सीट शामिल हैं। इनमें से कांग्रेस को मात्र तीन पर ही जीत हासिल हुई तथा 38 पर भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा किया तथा दो पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने सफलता अर्जित की हैं।
मारवाड की सरदारपुरा सीट से गहलोत, बाडमेर से मेवाराम जैन तथा सांचोर से सुखराम विश्नोई ने जीत दर्ज की है। इसके अलावा नागौर जिले के खिंवसर निर्वाचन क्षेत्र से हनुमान बेनीवाल तथा नागौर से हरेन्द्र मिर्धा ने निर्दलीय के रूप में सफलता पाई है।
इसके अलावा लांडनू से कृषि मंत्री हरजीराम बुरडक, जायल से मंजू मेघवाल बाल एवं महिला कल्याण मंत्री, पाली जिले की सुमेरपुर सीट से वन मंत्री बीना काक, बाड़मेर जिले की गुढामलानी सीट से राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी, शिव से वक्फ मंत्री अमीन खां सहित उपसचेतक रानीवाडा से रतन देवासी एवं संसदीय सचिव दलीप चौधरी जैतारण से चुनाव हार गए।
इसी प्रकार मारवाड़ से दिग्गज नेताओं की राजनीतिक विरासत को बचाने में भी कामयाब नहीं हो पाए। लूणी विधानसभा क्षेत्र से स्वर्गीय रामसिंह विश्नोई की पत्नी एवं विधायक मलखान सिंह की मां अमरी देवी, ओसिया सीट से वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता परसराम मदेरणा की पुत्र वधु एवं पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की पत्नी लीला मदेरणा, शेरगढ़ से कांग्रेस नेता खेत सिंह राठौड़ के पौत्र उम्मेद सिंह, बाडमेर से भाजपा नेता गंगाराम चौधरी की पौत्री प्रियंका चौधरी भी हार गई है। नागौर में कांग्रेस नेता रामनिवास मिर्धा के पुत्र हरेन्द्र मिर्धा भी उनकी विरासत को कायम नहीं रख सके।
दो नेताओं के बेटे जीते,दो के हारे
राजस्थान विधानसभा चुनाव में दो पूर्व विदेश मंत्रियों के पुत्र चुनाव जीत गए लेकिन दो राज्यपाल के बेटों को हार का सामना करना पड़ा है। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह ने कामां से कांग्रेस उम्मीदवार एवं संसदीय सचिव जाहिदा खान को हरा दिया जबकि पूर्व विदेशमंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द्र सिंह ने शिव से वक्फ राज्य मंत्री अमीन खां को पराजित किया।
हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिया के पुत्र ओम प्रकाश पहाडिया वैर से भाजपा उम्मीदवार बहादुर सिंह कोली से तथा गुजरात की राज्यपाल डा. कमला के पुत्र अलोक बेनीवाल शाहपुरा से भाजपा प्रत्याशी राव राजेन्द्र सिंह से चुनाव हार गए। इसी तरह भाजपा के दिग्गज नेता गंगाराम चौधरी की पौती डा.प्रियंका चौधरी बाडमेर से कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन से चुनाव हार गई।
भाजपा की लहर,पर दिग्गज नेता भाटी हारे
राजस्थान विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की आन्धी में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के पांव उखड़ गए जिसमें भाजपा का एक मजबूत स्तम्भ कोलायत से देवी सिंह भाटी भी धराशायी हो गया।
भारतीय जनता पार्टी राज्य में ऐतिहासिक सफलता पाई तथा कांग्रेस के कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए। भाजपा के कई नए चेहरों को भी सफलता मिल गई लेकिन कोलायत से लगातार सात बार जीतने वाले विधायक देवीसिंह भाटी को अपनी पार्टी की पक्ष में चली लहर का कोई फायदा नहीं मिला। भाटी कांग्रेस के नए चेहरे भंवर सिंह भाटी से एक हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गए।
जयपुर/जोधपुर। राजस्थान में मारवाड़ अंचल की जनता ने इस बार विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तो लाज रखी लेकिन उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को हार का मुंह दिखाकर सबक सिखाया है। गहलोत जोधपुर के निवासी होते हुए राजनीतिक इतिहास में कांग्रेस की इतनी बुरी हार इससे पहले कभी नहीं हुई।
मारवाड़ में जोधपुर, पाली, सिरोही, जालौर, बाडमेर, जैसलमेर एवं नागौर सहित सात जिले आते हैं और इन जिलों में कुल 43 विधानसभा सीट शामिल हैं। इनमें से कांग्रेस को मात्र तीन पर ही जीत हासिल हुई तथा 38 पर भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा किया तथा दो पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने सफलता अर्जित की हैं।
मारवाड की सरदारपुरा सीट से गहलोत, बाडमेर से मेवाराम जैन तथा सांचोर से सुखराम विश्नोई ने जीत दर्ज की है। इसके अलावा नागौर जिले के खिंवसर निर्वाचन क्षेत्र से हनुमान बेनीवाल तथा नागौर से हरेन्द्र मिर्धा ने निर्दलीय के रूप में सफलता पाई है।
इसके अलावा लांडनू से कृषि मंत्री हरजीराम बुरडक, जायल से मंजू मेघवाल बाल एवं महिला कल्याण मंत्री, पाली जिले की सुमेरपुर सीट से वन मंत्री बीना काक, बाड़मेर जिले की गुढामलानी सीट से राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी, शिव से वक्फ मंत्री अमीन खां सहित उपसचेतक रानीवाडा से रतन देवासी एवं संसदीय सचिव दलीप चौधरी जैतारण से चुनाव हार गए।
इसी प्रकार मारवाड़ से दिग्गज नेताओं की राजनीतिक विरासत को बचाने में भी कामयाब नहीं हो पाए। लूणी विधानसभा क्षेत्र से स्वर्गीय रामसिंह विश्नोई की पत्नी एवं विधायक मलखान सिंह की मां अमरी देवी, ओसिया सीट से वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता परसराम मदेरणा की पुत्र वधु एवं पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की पत्नी लीला मदेरणा, शेरगढ़ से कांग्रेस नेता खेत सिंह राठौड़ के पौत्र उम्मेद सिंह, बाडमेर से भाजपा नेता गंगाराम चौधरी की पौत्री प्रियंका चौधरी भी हार गई है। नागौर में कांग्रेस नेता रामनिवास मिर्धा के पुत्र हरेन्द्र मिर्धा भी उनकी विरासत को कायम नहीं रख सके।
दो नेताओं के बेटे जीते,दो के हारे
राजस्थान विधानसभा चुनाव में दो पूर्व विदेश मंत्रियों के पुत्र चुनाव जीत गए लेकिन दो राज्यपाल के बेटों को हार का सामना करना पड़ा है। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह ने कामां से कांग्रेस उम्मीदवार एवं संसदीय सचिव जाहिदा खान को हरा दिया जबकि पूर्व विदेशमंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द्र सिंह ने शिव से वक्फ राज्य मंत्री अमीन खां को पराजित किया।
हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिया के पुत्र ओम प्रकाश पहाडिया वैर से भाजपा उम्मीदवार बहादुर सिंह कोली से तथा गुजरात की राज्यपाल डा. कमला के पुत्र अलोक बेनीवाल शाहपुरा से भाजपा प्रत्याशी राव राजेन्द्र सिंह से चुनाव हार गए। इसी तरह भाजपा के दिग्गज नेता गंगाराम चौधरी की पौती डा.प्रियंका चौधरी बाडमेर से कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जैन से चुनाव हार गई।
भाजपा की लहर,पर दिग्गज नेता भाटी हारे
राजस्थान विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की आन्धी में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के पांव उखड़ गए जिसमें भाजपा का एक मजबूत स्तम्भ कोलायत से देवी सिंह भाटी भी धराशायी हो गया।
भारतीय जनता पार्टी राज्य में ऐतिहासिक सफलता पाई तथा कांग्रेस के कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए। भाजपा के कई नए चेहरों को भी सफलता मिल गई लेकिन कोलायत से लगातार सात बार जीतने वाले विधायक देवीसिंह भाटी को अपनी पार्टी की पक्ष में चली लहर का कोई फायदा नहीं मिला। भाटी कांग्रेस के नए चेहरे भंवर सिंह भाटी से एक हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गए।