जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन बैठक सभागार में 'हमारी धरोहर' पर गंभीर चर्चा हुई। इस चर्चा में संदीप भूतोडिया, के.सी.मालू और सोढा गांव की सरपंच छवि राजावत ने भाग लिया। चर्चा का संचालन रीमा हूजा ने किया।
इस चर्चा में 'हमारी धरोहर' पर वक्ताओं ने विचार प्रकट करते हुए कहा कि हमें हमारी जडों से तो जुडे रहना ही होगा लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि हमें समयानुकूल परिवर्तन भी लाने होंगे।
संदीप भूतोडिया ने कहा कि अगर हमें अपनी धरोहर, अपनी परंपरा को बचाए रखना है तो समय के साथ बदलना पडेगा। उन्होंने आगे कहा कि आप अपनी परम्परा और संस्कृति को जी रहे हैं लेकिन आधुनिकता को भी अपनाना ही होगा। भूतोडिया का कहना था कि परिवर्तन बेहतरी ही लाता है। हमें अच्छे परिवर्तनों को अपनाना होगा।
के.सी.मालू का कहना था कि हमारी संस्कृति के उपरी आवरण भले ही बदल गए हो, लेकिन आत्मा तो वही है। हमें हमारी धरोहर को सही रूप में प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि सभ्यता और संस्कृति यह दोनो हमारी धरोहर है। हमारी संस्कृति परिवर्तन विरोधी नहीं है। हमें नई चीजों को तो आत्मसात करना होगा।
सोढा गांव की सरपंच छवि राजावत का कहना था कि युवा पीढी को अपनी सभ्यता और संस्कृति पर गौरव करना होगा। वहीं हमें अपनी युवा पीढी को अपनी सभ्यता और संस्कृति से जोडना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिये हमें हमानी शिक्षा प्रणाली में सुधार लाना होगा, उन्हें अच्छे संस्कार, परम्पराएं और संस्कृति से जोडना होगा।