जीवन का दृष्टिकोण हमारे पुराण और परिवार: भागवत

जयपुर। भारत की वर्तमान षिक्षा पद्धति आज चिन्ताजनक स्थिति में है, अंग्रेजी हिन्दी पर भारी होती जा रही है। यह कहना था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का वह विद्या भारती, राजस्थान द्वारा महाराणा प्रताप सभागार में आयोजित विषिष्ट पूर्व छात्र सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होने कहा की हमारे जीवन का दृष्टिकोण हमारे वेद पुराण और परिवार है।

भागवत ने वर्तमान विद्यार्थीयों के संस्कारो पर चिन्ता जताते हुए कहा की जहां विद्यालय एवे परिवार में संस्कार दिये जाते थे। वही वर्तमान में दोनों स्थानों पर संस्कार देने का अभाव पाया जा रहा है। आज के माता पिता भी बच्चों को केवल आर्थिक दृष्टि से कैरियर बनाने में ही लगे हुए है, संस्कारो पर ध्यान नहीं। जिसका परिणाम हमें देखने को मिल रहा है, जिसके विपरित विद्या भारती आज भी संस्कार पूर्ण षिक्षा प्रदान करने का कार्य कर रहा है। उन्होने षिक्षा प्रणाली पर चिन्ता जताते हुए कहा की आज षिक्षा समाज और परिवार में संस्कार उत्पन्न नहीं कर पा रही है। आज षिक्षा न तो स्वः गौरव प्रदान कर पा रही है, न ही स्वः भाषा का गौरव। विद्यार्थीयों को मातृभाषा का अभिमान नहीं है। विद्यार्थी अंग्रेजी भाषा पर निर्भर हो गया है। उन्होने कहा की संचार और देषाटन के लिए अन्य भाषा का ज्ञान आवष्यक है किन्तु मातृभाषा का स्वाभिमान भी आवष्यक है।

उन्होनें कहा की हमें देष की परिस्थित पर चिन्तन करना आवष्यक है, 200 वर्षो में भारत में अनेक महापुरूष हुए, जिन्होने देष को दिषा प्रदान की। दुनिया का श्रेष्ठतम ज्ञान भारत में है, आज भी अमेरिका जैसा देष षिक्षा क्षेत्र में भारत का लोहा मानता है। भारतीय षिक्षा पद्धति पुरातन है। विद्या भारती उसी पुरातन षिक्षा पद्धति पर छात्र निर्माण का कार्य 1950 से करती आ रही है। जिसका प्रभाव ही है की आज प्रत्येक क्षेत्र में विद्या भारती के संस्कारवान विद्यार्थी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है। ऐसे विद्यार्थीयों में परिवार एवं समाज के संस्कार स्पष्ट नजर आते है, उनकी सोच सकारात्मक होती है।

संतो का सानिध्य

विद्या भारती, राजस्थान द्वारा आयोजित विषिष्ट पूर्व छात्र सम्मेलन में मुख्य वक्ता प.पू. सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ डाॅ. मोहनराव भागवत के साथ जगद्गुरू पीठाधीष्वर परम पूज्य श्री श्रीजी महाराज, प.पू. डाॅ.राघवाचार्य जी वेदान्ती, रेवासाधाम। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंजाब पुलिस के पूर्व डी.जी. व विद्या भारती के पूर्व विद्यार्थी अनिल कौषिक ने की, कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि विद्या भारती के संगठन मंत्री प्रकाष चन्द थे।

पूर्व विद्यार्थीयो का सम्मान

विद्या भारती द्वारा अपने पूर्व विद्यार्थीयो का सम्मान किया गया जिसमें जोधपुर के सौरभ तोलम्बिया, भारतीय पुलिस सेवा में जुनागढ, गुजरात में कार्यरत, जोधपुर के ही ललित बोहरा, रेल्वे कंटेनर विभाग के इंचार्ज, जयपुर के दुष्यन्त मुदगल, निदेषक राजस्थान परिमण्डल पोस्टल, शैलेन्द्र शर्मा, भारतीय रेवेन्यू सर्विसेज, डाॅ. प्रवीण मित्तल, सहायक आयकर आयुक्त तथा फतेहपुर सीकर की सुश्री ममता गुप्ता, भारतीय प्रषासनिक सेवा में प्रषिक्षु है। इनको स्मृति चिन्ह्, शाल व श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।

दीप प्रज्जवलन से प्रारम्भ

कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप मंत्र के उच्चारण के साथ मां शारदा के सम्मुख दीप प्रज्जवलन अतिथियों द्वारा कर हुआ।

कार्यक्रम की प्रस्तावना विद्या भारती के षिव प्रसाद जी ने तथा धन्यवाद विद्या भारती के मंत्री भरतराम कुम्हार जी ने किया।

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