स्टोन पार्क ऑन प्रोग्रेस...पत्थर भी बोलेंगे

कहते है कि पत्थर कभी बोलते नहीं लेकिन नगर निगम अब इन पत्थरों में भी जान फूंकने जा रहा है। एसएफएस मानसरोवर में बनाए जा रहे 'स्टोन पार्क' में स्टोन क्लप्चर्स और पार्क में कई तरह की स्टोन वेराईटी के इस्तेमाल से निगम ऐसा ही प्रयास कर रहा है। आज 'कलेक्ट रॉक डे' के मौके पर 'स्टोन पार्क' से मुखातिब कराती रिपोर्ट-

जयपुर। हरियाली और सुकून देने वाली शांति हर किसी को पार्र्कों में खींच लाती है लेकिन स्टोन पार्क में इनके साथ विभिन्न स्टोन्स की जानकारी और अद्ïभूत शिल्पकला भी आकर्षण का केन्द्र रहेगी। करीब 48 लाख रुपए की लागत से बनने वाले इस पार्क के निर्माण के पहले फेज का एक-तिहाई काम पूरा हो चुका है। 19 हजार वर्गफीट में विकसित होने वाले इस थीम पार्क के पत्थर मूंह बोलते नजर आएंगे।

बच्चों के लिए स्केटिंग रिंग
स्केटिंग के लिए बच्चों का क्रेज देखते ही बनता है। इसी के मद्देनजर स्टोन पार्क में स्केटिंग रिंग बनाया जा रहा है जिसका कार्य लगभग पूरा हो चूका है। यहां बच्चों अपने परेंट्ïस के साथ स्केटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे।

खास पत्थरों का इस्तेमाल
पार्क में राजस्थान में पाई जाने वाली सभी किस्मों का प्रयोग किया जा रहा है। इनमें सेण्ड स्टोन, मार्बल, ग्रेनाइट, स्टेट एंड कॉटराइज तथा लाइम स्टोन की दर्जनों किस्मे शामिल हैं। पत्थरों के बारे में जानकारी हासिल करने वालों के लिए यह थीम पार्क जानकारी का भंडार साबित होगा। एक्सईन हेमंत शर्मा के अनुसार पार्क में इन पत्थरों के प्रयोग ने इसे महत्वपूर्ण बना दिया है। यह देशी और विदेशी पर्यटन में भी अहम भूमिका अदा करेगा।

राजस्थानी स्टोन खास
पार्क में राजस्थानी स्टोन की सभी किस्मों का उपयोग लोगों को इनसे रू-ब-रू कराएगा। स्टोन पार्क की डिजायनर कविता जैन बताती हैं कि पार्क में उपयोग लाए जा रहे स्टोन खास हैं। इनसे बनी कलाकृतियां पार्क को खास बना देती हैं। यहां प्रदर्शित स्टोन राजस्थान में स्टोन बिजनस के लिए भी फायदे का सौदा साबित होगा।

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