जयपुर महासम्मेलन में उमड़ा सरपंचों का रैला

सरपंच संघ राजस्थान के बैनर तले सोमवार को प्रदेष की राजधानी जयपुर के मानसरोवर में षिप्रा पथ थाने के सामने स्थित अरावली मैदान में सरपंचों का महासम्मेलन आयोजित किया गया। इस महासम्मेलन में राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए सरपंच, उपसरपंचों का सैलाब उमड़ पड़ा। 24 सूत्री मांगों के समर्थन में यहां मौजूद सरपंच एवं उपसरपंचों सहित बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने प्रदर्षन किया। सुबह से ही सरपंचों की भीड़ आयोजन स्थल पर जुटना शुरू हो गई थी और दोपहर होते-होते करीब 10 हजार से अधिक सरपंच-उपसरपंचों की भीड़ प्रदर्षन स्थल पर मौजूद थी। दोपहर बाद सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेषाध्यक्ष भंवरलाल जानू की अगुवाई में सरपंचों के 

प्रतिनिधिमण्डल ने सचिवालय में पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री सुरेन्द्र गोयल से भंेटवार्ता की तथा अपनी 24 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस दौरान चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ भी मौजूद थे। मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने सरपंच संघ के प्रतिनिधियांे को बताया है कि शेष मांगों को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर मंगलवार को सचिवालय मंे मंत्री-अधिकारियांे की बैठक होगी। 

इन मांगों को दी पंचायतीराज मंत्री ने मंजूरी 

सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेषाध्यक्ष भंवरलाल जानू ने बताया कि शासन सचिवालय में पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री सुरेन्द्र गोयल एवं चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ से हुई भेंटवार्ता में पंचायतीराज मंत्री ने हमारी मांगों पर सकारात्मक रूख दर्षाया तथा हमारी अधिकांष मांगे पूरी करने की मंजूरी दी। हमने उन्हें 24 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था, जिनमें से इन पर सहमति बनी है। 

1. शामलात पहल योजना में ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं (एसएफसी, एफएफसीयूटीएफ, एमपी/एमएलए फण्ड) का महानरेगा योजना में किए जा रहे कन्वर्जेन्स को 20 प्रतिषत करने पर सहमति बनी है। इसमें शेष 80 प्रतिषत धनराषि का उपयोग सरपंच अपनी आवष्यकता के अनुसार कर सकेंगे। 

2. पक्के निर्माण कार्यों (पथरीले क्षेत्रों में नींव खुदाई, पूर्व की बनी सड़कों की तुड़वाई आदि) में आवष्यक मषीनरी के उपयोग की स्वीकृति जारी की गई। 

3. राजस्थान पंचायतीराज नियम 1996 के नियम 181 में प्रसारित नई निर्माण नीति की जटिलताआंे को दूर कर सरल नीति बनाने के क्रम में धरोहर राषि की अवधि 2 वर्ष के स्थान पर 1 वर्ष की गई है तथा अन्य विभागों की तरह संवेदक का 5 प्रतिषत लाभांष सम्मिलित कर दिया गया है। 

4. ग्रामीण विकास विभाग की समस्त योजनाआंे में 5 लाख रूपये तक के प्रषासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के अधिकार एवं 2 लाख रूपये तक की तकनीकी स्वीकृति के अधिकार ग्राम पंचायतांे को देने की मांग मंजूर करते हुए मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने मंजूरी दी कि अब दोनों योजनाओं में 5-5 लाख रूपये तक की धनराषि की स्वीकृति सरपंच कर सकेंगे। 

5. हैण्डपम्प एवं सिंगल फेज ट्यूबवैल की स्वीकृतियां एवं निविदा प्रक्रिया ग्राम पंचायत स्तर पर ही किए जाने की मंजूरी दी गई। 

6. ग्राम पंचायतों में कार्य करवाने के लिए उपलब्ध समस्त स्थल एवं आम रास्ते राजस्व रिकॉर्ड मंे राज्य सरकार के नाम इन्द्राज नहीं हैं। स्थानीय आवष्यकताओं के अनुसार वहां कार्य करवाने के लिए खातेदारों से प्राप्त सहमति (षपथ पत्र) के आधार पर ही कार्य करवाए जाने की सरपंचों को मंजूरी दी गई है। 

7. स्वच्छ भारत मिषन को मूर्त रूप देने के लिए सफाई कार्यों के लिए दर निर्धारण/टेण्डर प्रक्रिया में अब सरपंच 1 लाख रूपये तक की धनराषि खर्च कर सकेंगे। 

8. ग्राम पंचायत के अटल सेवा केन्द्र पर सुरक्षा प्रहरी की नियुक्ति का अधिकार ग्राम सभा/ग्राम पंचायत को दिया गया है। अब सरपंच को अधिकार प्राप्त होंगे कि वह 50 वर्ष से ज्यादा आयु के व्यक्ति को सुरक्षा प्रहरी एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में नियुक्त कर उनकी सेवाएं ले सकेंगे। 

इन मांगों के लिए होगा कमेटी का गठन 

पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री सुरेन्द्र गोयल एवं चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ के साथ हुई वार्ता में निम्न मांगांे के लिए राज्य सरकार की ओर से कमेटी गठित किए जाने पर सहमति बनी हैं, जो निम्न प्रकार हैं - 

1. ग्राम पंचायतों में प्रतिदिन किए जाने वाले अलग-अलग अंकेक्षण (एलएफडी/एजी/सीएजी, पंचायत दिवस, सोषयल ऑडिट, इंटरनल ऑडिट आदि) पर रोक लगाए जाने एवं एक ही विभाग से अंकेक्षण करवाने जाने के आदेष प्रसारित किए जाएं, जिससे कि समय एवं धन दोनांे के अपव्यय पर प्रभावी नियंत्रण हो सके एवं सरपंच/उप सरपंच मानसिक प्रताड़ना से बच सकें। इस कार्य के लिए कमेटी गठित की जाएगी। 

2. पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी नई जीकेएन में बहुत अधिक जटिलताओं एवं अव्यावहारिक शर्तों को सम्मिलित किया गया है। इसमें संषोधन के लिए कमेटी गठित की जाएगी। 

3. आबादी भूमि आवंटन के रा.प.रा. नियम 1996 के नियम 140 से 168 में संषोधन करने तथा पर्यटन इकाईयों के लिए ग्राम पंचायत की आबादी भूमि आवंटन की अधिसूचना क्रमांक एफ4( )पर्यटन/नियम/विधि/परा/2015/486 जयपुर दिनांक 10.07.2015 में संषोधन किए जाने के लिए कमेटी का गठन होगा। 

4. जेडीए/यूटीआई एवं अन्य प्राधिकरण क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायतों को आबादी भूमि विस्तार, गौषाला एवं सरकारी भवनों हेतु निःषुल्क भूमि उपलब्ध करवाने के मामले में भी कमेटी का गठन होगा। 

5. ग्राम पंचायतों में विकास योजनाओं को तैयार करने के लिए समन्व्य समिति गठित कर प्रधानाध्यापक को उसका अध्यक्ष बनाने के संयुक्त सचिव, पंचायतीराज विभाग द्वारा आदेष प्रसारित किए गए हैं, जो कि सरपंच के अधिकारों का हनन है। इस आदेष को निरस्त कर सरपंच को ही समिति अध्यक्ष बनाने की मांग पर भी कमेटी का गठन किया जाएगा। 

इन प्रतिनिधियांे ने की मंत्रियों से भेंटवार्ता 

सचिवालय में पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री सुरेन्द्र गोयल एवं चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ से भेंटवार्ता करने वाले सरपंच प्रतिनिधियों में सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेषाध्यक्ष भंवरलाल जानू, प्रदेष महामंत्री महेष फौजदार, उपाध्यक्ष मंगलाराम मीणा व गीता चौधरी, कोषाध्यक्ष बंषीधर गढ़वाल, मंत्री बाबूलाल टोडावता तथा प्रदेष मीडिया प्रवक्ता हेमराज शर्मा शामिल थे।  

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