भोजनगर के लक्ष्मण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगाई मदद की गुहार

दो जून की रोटी कमाने मजदूरी करने सऊदी अरब गया राजस्थान का एक युवक अब अपने गांव वापस आने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दया की भीख मांग रहा है. झुंझुनूं के भोजनगर गांव के इस युवक का नाम लक्ष्मण है जो 28 महीने पहले देश छोड़ रोजगार की तलाश में अरब देश चला गया था.वहां एक हादसे में अपाहिज होने के साथ-साथ कमर भी टूट गई. अब अस्पताल में लाचारी का जीवन जीने को मजबूर इलाज नहीं मिल पाने से दुखी है. वापस अपने देश, अपने परिवार अपने बच्चों के पास लौटना चाहता है. लेकिन इसके पास न इलाज को पैसे है और न ही वापस वतन लौटने के लिए. ऐसे में अब एक ही सहारा है और वो है भारतीय सरकार.


नवलगढ़ के नजदीक भोजनगर गांव के लक्ष्मण की यह पीड़ा तब सामने आई जब किसी भारतीय ने ही वाट्सएप के जरिए प्रधानमंत्री से मदद की गुहार वाला एक वीडिया भेजा. सात माह पूर्व एक कम्पनी में ही हादसे के दौरान लक्ष्मण सिंह के पैर और कमर में गहरी चोट आई जिसमें कमर की रीढ़ की हड्डी टूट गई तो अपाहिज के रूप में जेहाद शहर के इरफान अस्पताल में इलाज जारी हुआ. कम्पनी ने कुछ दिन तो इलाज करवाया लेकिन बाद में इलाज में गैरजिम्मेदाराना रवैया अपना लिया. अब दूर परदेश में लक्ष्मण सिंह का कोई भी सार सम्भाल करने वाला नहीं है. जो बैड पर ही अपनी जिंदगी सजा के रूप मे काट रहा है.

प्रधानमंत्री से लगाई दया की गुहार:

किसी भारतीय ने लक्ष्मण सिंह की बदहाली का एक वीडियों घर वालों को भेजा है. जिसमें पीडि़त ने प्रधानमंत्री से मदद की गुहार लगाते हुए उसे वापिस भारत बुलाने की बात कही है. लक्ष्मण सिंह के परिवार जनों को पिछले तीन दिन पहले लाडले की तकलीफ का पता चला. गरीबी के दौर से गुर्जर रहे इस परिवार ने अब विदेश मंत्रालय से लेकर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे तक इस बाबत मदद की गुहार लगाते हुए निवेदन किया कि जल्द से जल्द लक्ष्मण सिंह को भारत लाया जाए .

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