राज्य में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले ऑनलाइन नहीं,9 अंतिम तिथि

जयपुर। राज्य में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले अभी नहीं होंगे। राज्य सरकार ने शनिवार को इसका फैसला कर लिया। इसके साथ ही 10 प्रतिबंधित जिलों से भी स्थानांतरण करने का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया है। हालांकि ये तबादलें उन शिक्षकों के ही किए जाएंगे, जिन्होंने सम्बन्घित प्रतिबंधित जिले में दस साल की सेवा पूरी कर ली है।

प्रमुख शासन सचिव (शिक्षा) वीनू गुप्ता की ओर से शनिवार शाम विभाग की बहुप्रतीक्षित तबादला नीति जारी कर दी गई। इसके साथ ही विभाग ने तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले पहले चरण में नहीं करने के आदेश भी जारी किए हैं। इस श्रेणी के शिक्षकों के तबादले दूसरे चरण में शुरू किए जाएंगे।

विभाग में तबादला प्रक्रिया पिछली बार की तरह ऑनलाइन नहीं होगी। स्थानांतरण के इच्छुक अभ्यर्थी अपने आवेदन नौ जून की अंतिम तिथि तक निर्घारित प्रारूप में संस्था प्रधान से प्रमाणित करा सम्बन्घित उप निदेशक कार्यालय में जमा करा सकेंगे।

विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं कि यह नीति माध्यमिक शिक्षा विभाग के समस्त श्रेणियों के अध्यापकों और प्रारंभिक शिक्षा विभाग में द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी शिक्षकों पर ही लागू होगी। तबादलों के पहले चरण में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले नहीं किए जाएंगे। 27 मई को राज्य में तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटाने सम्बन्धी आदेश भी इन पर लागू नहीं होगा।

प्रतिबंधित में सिर्फ दस प्रतिशत

प्रतिबंधित जिलों के बारे में प्रावधान किया गया है कि इन दस जिलों में दस वर्ष की सेवाएं पूरी नहीं की हों, स्थानांतरण के पात्र नहीं होंगे। लेकिन जिनकी दस साल की सेवा 31 मई 2013 तक पूरी हो गई है, वे आवेदन कर सकेंगे।

पात्र आवेदनों में से सम्बन्घित जिले में प्रत्येक विषय के पदों के अधिकतम दस प्रतिशत शिक्षकोंके स्थानांतरण ही उनकी वरिष्ठता के आधार पर किए जाएंगे।

इनके भी तबादले नहीं

- अनुदानित विद्यालयों से समायोजित शिक्षक

- अप्रेल 2011 के बाद सीधी भर्ती से नियुक्त एवं परिवीक्षा पर कार्यरत शिक्षक

- वर्तमान पदस्थापन पर जिनकी दो वर्ष की अवधि पूरी नहीं हुई है।

इनको शर्तो से छूट

- प्रतिबंधित जिलों में 31 मई तक दस वर्ष की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक तबादले के पात्र होंगे।

- उन शिक्षकों का स्थानांतरण दो वर्ष पूर्व भी किया जा सकेगा, जो पूर्णत: विकलांग एवं पूर्णत: दृष्टिहीन होंगे। इस श्रेणी में विधवा, परित्यक्ता, अविवाहित महिलाएं एवं ऎसे शिक्षक जो स्वयं या उनके आश्रित ब्रेन टयूमर, एड्स पीडित भी शामिल हैं।

- गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर ऑपरेशन, रेडियोथैरेपी, बायपास या ओपन हार्ट सर्जरी वाले ह्वदय रोगी, गंभीर पक्षाघात से पीडितों को भी दो साल के प्रावधान से छूट दी गई है। हालांकि उन्हें गंभीर बीमारी के बारे में राज्य सरकार के किसी मेडिकल कॉलेज का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

- राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित शिक्षक एवं पारस्परिक स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षक भी इस बाध्यता से मुक्त होंगे।


नीति के अन्य प्रावधान
- राज्य सेवा में कार्यरत पति-पत्नी को यथासंभव एक ही या निकटतम स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकेगा।

- राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित शिक्षकों का तबादला उनके द्वारा दिए गए पांच विकल्पों में से किसी एक पर किया जाएगा।

- वॉक इन इन्टरव्यू, विशेष चयन प्रक्रिया से पदस्थापित होने वाले बीईईओ, एबीईईओ के पदों पर स्थानांतरण में दो वर्ष के न्यूनतम पदस्थापन की शर्त लागू नहीं होगी।

- स्काउट गाईड प्रशिक्षित शिक्षक को उसी विद्यालय में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां ये गतिविधियां संचालित हैं।

- स्वेच्छा के आधार पर स्थानांतरण होने पर शिक्षक को यात्रा भत्ता नहीं दिया जाएगा।

आवेदन निस्तारण का क्रम
विकलांग शिक्षक- विधवा, परित्यक्ता, अविवाहित महिला- असाध्य रोग श्रेणी- पारस्परिक स्थानांतरण- पुरस्कृत शिक्षक- अन्य शिक्षक।

फिलहाल माथापच्ची दूर

सूत्रों के अनुसार तबादलों पर लगी रोक हटने के बाद तकरीबन 50 हजार से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों की ओर से स्थानांतरण आवेदन आने की संभावना थी। इस निर्णय के बाद किसी एक विभाग में सबसे अधिक संख्या में होने वाले स्थानांतरणों की माथापच्ची से सरकार को फिलहाल राहत मिल जाएगी।

दूसरा चरण लॉलीपॉप तो नहीं

थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगाने के फैसले पर शिक्षकों ने रोष जाहिर किया है। राजस्थान पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रवक्ता नारायण सिंह के अनुसार सरकार को दूसरा चरण कब से शुरू होगा,इसकी तिथि तय करनी चाहिए थी। ऎसा नहीं हो कि दूसरा चरण चुनावी लॉपीपॉप हो और कभी आए ही नहीं?


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