ये चाहते हैं सचिन "शून्य" पर आउट हो जाए

नई दिल्ली। पूरा क्रिकेट जगत भले ही मास्टर ब्लास्टर के 200वें और आखिरी मैच में उनके शानदार प्रदर्शन की ख्वाहिश रखता हो लेकिन ये लोग चाहते हैं कि सचिन "शून्य" के स्कोर पर आउट हो जाए।

दरअसल, सचिन के आखिरी टेस्ट में सचिन के शून्य पर आउट होने पर करोड़ों का सट्टा लगाया जा रहा है। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार सचिन के आखिरी टेस्ट पर अरबों रूपये का सट्टा लगाया जा रहा है। ऎसे में सटोरियों के साथ-साथ सट्टेबाज खेल प्रेमी भी सचिन को शून्य पर आउट होता देखने की तम्मना पाले बैठे हैं।

ब्रैडमैन के बाद सचिन भी 0 के साथ होंगे विदा
बता दें कि डॉन ब्रैडमैन भी आखिरी टेस्ट पारी में जीरो पर आउट हुए थे। ऎसे में सचिन के इस टेस्ट में शून्य पर पेवेलियन लौटने का अनुमान लगाने वालों की बड़ी संख्या है।

0 पर दो गुनी रकम
बुकीज सचिन के शतक बनाने या शून्य पर आउट होने के सट्टे पर दोगुनी रकम देने की पेशकश कर रहे हैं। ये सबसे रिस्की दांव माने जा रहे हैं और इसी वजह से इन पर ज्यादा रकम मिल रही है। बुकीज का कहना है कि इस टेस्ट पर सट्टा लगाना अपने आप में अट्रैक्शन बन गया है।

सचिन के दो बार बैटिंग पर रिस्क
सट्टा बाजार में ऎसी उम्मीद जताई जा रही है कि वेस्ट इंडीज सचिन के दो बार बल्लेबाजी करने जितना अच्छा नहीं खेलेगी। सचिन ने ईडन गार्डन में केवल एक बार बल्लेबाजी की थी। बुकीज का कहना है कि अगर मुंबई में सचिन दो बार बैटिंग करते हैं तो रिस्क काफी बढ़ जाएगा।

16 साल से सैकड़े का इंतजार
सचिन मुंबई की तरफ से जब भी वानखेड़े स्टेडियम में खेलने के लिए उतरे हैं उन्होंने शतक बनाया है लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें अपने इस घरेलू मैदान पर पिछले 16 साल से सैकड़े का इंतजार है।

तेंदुलकर ने वानखेड़े स्टेडियम में अब तक दस टेस्ट मैचों में 47.05 की औसत से 847 रन बनाए हैं जिसमें केवल एक शतक शामिल है। यह सैकड़ा उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ चार दिसंबर 1997 को लगाया था। इसके बाद उन्होंने अपने घरेलू मैदान पर सात टेस्ट और 13 पारियां खेली लेकिन वह कभी तिहरे अंक तक नहीं पहुंच पाए।

यही नहीं एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी तेंदुलकर वानखेड़े में केवल एक शतक लगा पाए हैं। उन्होंने अपने घरेलू मैदान पर 11 वनडे में 41.36 की औसत से 455 रन बनाए हैं। उन्होंने वनडे में इस मैदान पर आखिरी शतक 14 दिसंबर 1996 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगाया था। इसके बाद तेंदुलकर वानखेड़े में सात वनडे मैचों में तिहरे अंक तक नहीं पहुंच पाए।

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