कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का फैसला सही, पर इससे दर्शक निराश

मुंबई। सचिन के २००२वे मैच में भारतीय क्रिकेट टीम ने वानखेड़े स्टेडियम पर वेस्टइंडीज के साथ शुरू हुए दूसरे टेस्ट मैच में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। रणनीतिक तौर पर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का यह फैसला सही है लेकिन दर्शक इससे निराश हैं।

दर्शकों को इस बात की निराशा है कि उन्हें विदाई टेस्ट के पहले दिन सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी देखने को नहीं मिलेगी। अगर भारतीय टीम के गेंदबाज कोलकाता जैसा करिश्मा करते हुए कैरेबियाई टीम को सस्ते में समेट देते हैं तो सचिन के बल्लेबाजी के लिए आने की उम्मीद है लेकिन धौनी अगर टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी लेते तो शायद सचिन को आज ही बल्लेबाजी का मौका मिलता।


धोनी ने विकेट को देखते हुए गेंदबाजी का फैसला किया। इसकी उम्मीद पहले ही जताई जा रही थी। भारतीय टीम तीसरे और चौथे दिन गेंदबाजी को ध्यान में रखकर पहले क्षेत्ररक्षण कर रही है। वानखेड़े की पिच तीसरे और चौथे दिन स्पिनरों को मदद करने के लिए जानी जाती है। वेस्टइंडीज भी अगर टॉस जीतता को गेंदबाजी ही करता लेकिन डारेन सैमी को यह कॉल करने का मौका नहीं मिला।  

सुबह 9.30 तक वानखेड़े स्टेडियम में 15 हजार के करीब दर्शक मौजूद थे। यह संख्या दिन चढ़ने के साथ बढ़ेगी लेकिन अगर भारत बल्लेबाजी करता तो स्टेडियम के खचाखच भरने की उम्मीद थी। वैसे आम दर्शकों के लिए सिर्फ पांच हजार टिकट ही जारी किए गए हैं।

यह सचिन के करियर का 200वां और अंतिम टेस्ट मैच है। सचिन इस मैच के बाद क्रिकेट जगत को अलविदा कह देंगे। सचिन से दर्शकों को अच्छी पारी की उम्मीद है। वह कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 10 रन ही बना सके थे।

भारत ने वह मैच एक पारी और 51 रनों से जीतकर दो मैचों की इस श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल अपना 150वां टेस्ट मैच खेल रहे हैं।

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