जयपुर। कहते हैं खुश रहने के बहाने नहीं तलाशने पड़ते, बस खुश रहना आना चाहिए। ऐसे ही मिसाल दे रहे हैं जयपुर के कुछ वरिष्ठ नागरिक। जिंदगी की सैकंड ईनिंग्स में भी इन लोगों ने अपने घर-परिवार के एक और आशियाना बनाया हुआ है जहां अपने अनुभवों, विचारों के साथ अपने हमउम्र लोगों के हितार्थ का कर रहे हैं। ये लोग खुद सक्रिय रहने के साथ दूसरों के काम आकर लोगों के आदर्श बने हुए हैं। संगठित रूप 'वरिष्ठ नागरिक परिषदï्Ó के जरिए इन्होंने अभी तक कई जिम्मेदारियों को हाथ में लिया और लोगों के लिए मददगार बने हैं।
जन्मदिन का निराला जश्न
यहां परिषद् के सदस्य अपना जन्मदिन कभी अकेले नहीं मनाते और न ही जन्म दिवस के दिन कोई आयोजन होता। यहां की रीत निराली है, प्रत्येक महीने के अन्तिम शुक्रवार को उस महीने में पैदा हुए सभी लोगों का एक साथ जन्मदिन समारोह आयोजित करते हैं। इसमें खुशियों कई गुना बढ़ जाती हैं। जुलाई माह में तो एक साथ १५ से २० लोग जन्म दिन मनाते हैं। खुशियों को डबल करने का यही अंदाज इनकी जिंदादिली का राज भी है जो छोटी से छोटी खुशी जश्न बना देता है। परिषद् के अध्ययक्ष डॉ.केएल जैन का कहते हैं कि ये छोटी-छोटी ख्ुाशियां ही जिंदगी को खुशनुमा अहसाह देती है।
जन्मदिन का निराला जश्न
यहां परिषद् के सदस्य अपना जन्मदिन कभी अकेले नहीं मनाते और न ही जन्म दिवस के दिन कोई आयोजन होता। यहां की रीत निराली है, प्रत्येक महीने के अन्तिम शुक्रवार को उस महीने में पैदा हुए सभी लोगों का एक साथ जन्मदिन समारोह आयोजित करते हैं। इसमें खुशियों कई गुना बढ़ जाती हैं। जुलाई माह में तो एक साथ १५ से २० लोग जन्म दिन मनाते हैं। खुशियों को डबल करने का यही अंदाज इनकी जिंदादिली का राज भी है जो छोटी से छोटी खुशी जश्न बना देता है। परिषद् के अध्ययक्ष डॉ.केएल जैन का कहते हैं कि ये छोटी-छोटी ख्ुाशियां ही जिंदगी को खुशनुमा अहसाह देती है।